पुस्तके : जीवन प्रभात
परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज के मुखारविंद से प्रवाहित ज्ञानकोष कि कड़ी में अलंकृत है यह सदग्रंथ "जीवन प्रभात" ।
जीवन प्रभात से प्रारम्भ होकर साँझ को समाप्त हो जाता है। प्रभात है बचपन और साँझ है बुढ़ापा। मनुष्य प्रभु कि कृपा से संसार मे जन्म लेता है। यहा के विषय वासनाओं मे लिप्त रहकर वह भूल जाता है कि मन्युष जीवन का परम उद्देश्य क्या है? इस जीवन के अमूल्य क्षणों को कैसे व्यतीत करना चाहिये? वह सारा जीवन अपनी उल्ज्हनो को सुल्ज़ाने में लगा रहता है। समय अपनी गति से बीतता रहता है। जीवन कि यात्रा में चलते - चलते उसके अंग शिथिल हो जाते है, शरीर जज्र्र हो जता है, बल श्वेत हो जाते है, मुख में दंत नही रहते, संसार धीरे धीरे दूर हो जाता है, संबंधों कि कड़ी टूटने लग जाती है, जीस संसार नो उसने सत्य माना था, वह कितना झूठा निकला, यही बोध करवाना इस ग्रंथ का उद्देश्य है।
जगदगुरु शंकराचार्य कि चेतावनी पर आधारित यह ग्रंथ श्रद्धालुजनों को इस अनुपम भेंट है इसका स्वाध्याय कराने से रोम रोम पुलकित हो उठता है; क्योंकि संसार के असत्य से जब पर्दा उठता है तो बोध होता है उस तत्त्व का, जो वास्तव में सत्य है, अनश्वर है, प्राणों का प्राण है, अविनाशी है, ज्योतियों कि ज्योंति है, जिसे प्राप्त करना, जिसमे समाहित हो जाना मानव जीवन का मुख्य उद्येश्य है।
पुज्यश्री सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनों पर आधारित इस ग्रंथ कि भाषा सरल किन्तु सारगर्भित, विचारों में नदी-सा प्रवाह है, निरन्तरता और तारतम्य है, जो "जीवन प्रभात" सचमुच में जीवन कि प्रांतः को शुभ प्रभात बना देता है।
Project Management Certification Apply Today
-
PM Certification News
View this email as Webpage
[image: AAPM Project Management Certification] Home * About *
Certification * Recognition
...
2 weeks ago

No comments:
Post a Comment