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Saturday, October 13, 2007

गुरू महिमा


गुरू गोविन्द दोउ ,खडे काके लागुं पाय।

बलिहारी गुरूदेव की ,जिन गोविंस दियो बताय।।


गुरू बिन ज्ञान न उपजे ,गुरू बिन भक्ति न होय।

गुरू बिन संशय ना मिटे ,गुरू बिन मुक्ति न होय।।


गुरू -धोबी शिष्-कापडा ,साबुन -तिरजनहार।

तुरत -सिला पर धोइये ,निकले रंग अपार।।

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