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Sunday, November 1, 2009

Fw: [GURUVANNI] उलझाना

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, October 31, 2009 9:20 PM
Subject: [GURUVANNI] उलझाना

  • हमारे कर्म हे उलझन हें !हम ठीक से सोच नहीं पाते तो उलझाते हें ! ठीक से चल नहीं पाते तो उलझाते हें !व्यवहार में दोष आता हे तो उलझाते हें !अगर दुनिया में उलझ जाना , तो एक काम करना -अच्छे ग्रन्थ पढ़ना , सत्संग करना ,एकांत में बैठ कर आत्मचिंतन करना ,इससे आपको बड़ी शान्ति मिलेगी !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/31/2009 09:14:00 PM

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