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Saturday, September 5, 2009

निराश Frustration

निराश
Frustration

  • किसि की बात सुन कर निराश मत हो बढते चले जाओ !

    अराम इस पथ की राह नहीं है ,
    जिस से आगे राह नहीं है ,
    जीवन क्या है निरजन पथ है
    चल रहा दोनो किनारो पर
    मस्ती ही इसका पानी है !
Param Pujya Sudhanshuji Maharaj

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