मन की शान्ति के लिए (भाग -२)
- अपनी इच्छायों को नियनत्रण में रखो !
- क्रोध मत करो ,क्रोध आया भी हे तो बढ़ने मत दो ,पानी पी लो ,वह जगह छोड़ दो ,लंबे लंबे साँस लो !
- हमेशा प्रसन्न रहने की कोशिश करो !
- भगवान ने जो दिया हे उसी में खुश रहो ,जो नहीं दिया उसके बारे में सोच कर दुःखी मत हो !
- किसी की तरक्की देख कर दुःखी मत हो -जलो मत ,उस की तरह बनने की कोशिश करो !
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