क्रोध
Anger
- आग की छोटी सी चिंगारी भी सुलगाने पर भव्य और सुंदर भवन को भी ख़ाक बना देती है ! मनुष्य का शरीर उसका सुंदर भवन है ,प्राण उस भव्य भवन के स्तम्भ हैं ! लेकिन अगर क्रोध -आवेश रुपी चिंगारी उसमें प्रवेश कर जाए तो भव्य इमारत के धराशायी होने की संभावना प्रबल हो जाती है ! अत : अपने आपे को पहचानिए कि आप क्या हैं ? और विकारों को किस तरह से अनजाने में आप उत्पन्न कर रहे हैं !
- जीवन संचेतना अगस्त २००९
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Posted By Madan Gopal Garga to Anand Dham Mumbai Maharashtra at 8/11/2009 02:52:00 PM
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