- गुरु तपस्वी , गुरु सरलमना ,
- गुरु सुख का बहता निर्झर है !
- गुरु काव्यमूर्ति : गुरु संतोषी ,
- गुरु कविता का ओजस्वी स्वर है !
- गुरु दिव्य पुरूष ,गुरु परम सखा है ,
- गुरु ब्रह्मज्ञान का आखर है !
- गुरु अनुपम अमृत वाणी से ,
- भरता गागर में सागर है !
- संग्रह करता
- राज गर्ग
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 7/26/2009 09:11:00 PM
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