- "मनुष्य की यही महिमा हें कि वह स्वतन्त्र हें कर्म करने में और न करने में भी वह स्वतन्त्र हें और यही उसका विषाद भी हें । मनुष्य गलत करने में भी स्वतन्त्र हें । स्वतन्त्रता में गलत और सही दोनों की स्वतन्त्रता हें ।"
परम पूज्य सुधाँशु जी महाराज
"Human being has freedom to perform any action or refrain from any action. This is the magnitude or grandeur of human birth as well as the gloom or misfortune of human birth. A perosn has a total freedom of doing both moral or immoral behaviour and right or wrong actions."
His Holiness Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
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