Saturday, June 27, 2009
Friday, June 26, 2009
ved,puran
Wednesday, June 24, 2009
खुशबू Sweet Flavor
Tuesday, June 23, 2009
पैसा - Money Wealth
- पैसे से आप बिसतर खरीद सकते हैं नींद नहीं
पैसे से आप भोजन खरीद सकते हैं भूख नहीं
पैसे से आप आदमी खरीद सकते हैं वफादारी नहीं
पैसे से आप दवा खरीद सकते हैं सवासथ नहीं
पैसे से आप किताब खरीद सकते हैं ज्ञान नहीं
पैसे से आप पाउडर खरीद सकते हैं सुन्दरता नहीं
पैसे से आप औरत खरीद सकते हैं पत्नी नहीं
पैसे से आप शस्त्र खरीद सकते हैं होसला नहीं
पैसे से आप मूर्ती खरीद सकते हैं भगवान नहीं
पैसे से आप सुख साधन खरीद सकते हैं शांति नहीं
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/21/2009 05:45:00 PM
Sunday, June 21, 2009
संसार Society
- संसार कल्पब्रृक्ष है इसकी छाया मैं बैठकर हम जो विचार करेंगे ,हमें वेसे ही परिणाम प्राप्त होंगे !पूरे संसार मैं अगर कोई क्रान्ति की बात हो सकती है तो वह क्रांती तलवार से नहीं ,विचार-शक्ति से आएगी !तलवार से क्रांती नहीं आती ,आती भी है तो पल भर की, चिरस्थाई नहीं विचारों के क्रांती ही चिरस्थाई हो सकती है !
- धर्मदूत दिसम्बर २००८
Desire Wealthy and Get Wealth by Magical Focus Let World of Alternatives show you HOW
Friday, June 19, 2009
अमृतवाणी The Guru's Blessings
- हजारों मील की यात्रा किसी एक कदम से ही शुरू होती है ,एक एक कदम से व्यक्ति आगे बढ़ता है ,एक एक कदम उस परमात्मा की और बढ़ते जाओ ,सफलता अवश्य मिलेगी !
Care for Your Jet Lag Melatonin Improve your response to Sales and Ignore Jet Lag by Mediation
Thursday, June 18, 2009
Use ICE number on your Mobile Phone
Dear All, We all carry our mobile phones with names & numbers stored in its memory. But nobody, other than ourselves, knows which of these numbers belong to our closest family or friends. If we were to be involved in an accident or were taken ill, the people attending on us would have our mobile phone but wouldn't know who to call. Yes, there are hundreds of numbers stored ; but which one is the contact person in case of an emergency? Hence this "ICE" (In Case of Emergency) Campaign. The concept of "ICE" is catching on quickly. It is a method of contact during emergency situations. As cell phones are carried by the majority of the population, all you need to do is store the number of a contact person or persons who should be contacted during emergency under the name "ICE" ( In Case Of Emergency).
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Tuesday, June 16, 2009
लालच
- लालच की कोई सीमा रेखा नहीं होतीं ,जीवन में शान्ति ,नियंत्रण ,समाधान ,क्ष्रद्धा होनी चाहिये !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- संग्रह कर्ता राज गर्ग
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/15/2009 06:16:00 PM
Monday, June 15, 2009
जीभ The words you speak
- " हमारी जीभ का एक सिरा नीचे जुड़ा हें, ह्रदय की ओर। दूसरा सिरा मस्तिष्क के साथ जुडा हें
- ह्रदय की संवेदनाएँ और दिमाग़ से विचार कर, दोनों का सहयोग लेकर फिर बोलना चाहिए अन्यथा यहवाणीविनाश बहुत करती हें ।
- इस वाणी में परमात्मा का नाम बसाया जाए।"
- परम पूज्य सुधांशु जी महाराज
- "One end of our tongue is connected towards the heart and the other with the brain. When we speak, it should be a collaboration between the feelings of the heart and the great intellect or sensible thoughts. Otherwise this speech can cause massive destruction. Thus one should always speak as if they are one with God"
- His Holiness Shri Sudhanshuji Maharaj
- Humble Devotee
- Praveen Verma
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/15/2009 04:50:00 AM
Sunday, June 14, 2009
Keep Away Wrong Desires
- जीवन रुपी रस्सी को नाव से खोलोगे नहीं तो माला रुपी चप्पू से नाव आगे कैसे बढेगी ! विषय वासना रुपी रस्सी को खोलो तभी नाव आगे बढेगी !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- श्रीमती राज As collected by Mrs. Raj
Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/13/2009 06:16:00 PM
Saturday, June 13, 2009
Work कर्म
- "मनुष्य की यही महिमा हें कि वह स्वतन्त्र हें कर्म करने में और न करने में भी वह स्वतन्त्र हें और यही उसका विषाद भी हें । मनुष्य गलत करने में भी स्वतन्त्र हें । स्वतन्त्रता में गलत और सही दोनों की स्वतन्त्रता हें ।"
परम पूज्य सुधाँशु जी महाराज
"Human being has freedom to perform any action or refrain from any action. This is the magnitude or grandeur of human birth as well as the gloom or misfortune of human birth. A perosn has a total freedom of doing both moral or immoral behaviour and right or wrong actions."
His Holiness Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
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Friday, June 12, 2009
दोष - Fault
Fault
- हम अपने धन की ,घर की और अपनी सुरक्षा का प्रबन्ध तो करते हैं परन्तु जो हमारे अन्दर दोष हैं उनको दूर करने का उपाय कभी सोचते ही नहीं ! इन दोषों के कारण सदा भयभीत और आशान्त रहते हैं
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/11/2009 07:35:00 PM
Thursday, June 11, 2009
सेवा - Service
Service
- जो भी रोजी रोटी कमाने का रास्ता मिला उस को सेवा समझ कर काम पूरा करो !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- ५-५-०९ के टी वी प्रवचन से
Wednesday, June 10, 2009
सज्जनता - Politeness
- कम खाना ,गम खाना और नम जाना -नम जाना का मतलब है ,झुक जाना ,प्रणाम करना ,शिष्ट रहना,अभिमान से रहित रहना-कहते हैं कि ये तीन शब्द सज्जनता के परिचायक हैं !
Tuesday, June 9, 2009
बोलना - Talking to People
- बोलने के तीन ढंग माने गये हैं ,
1]सीधे ढंग से बोलना,
2]चतुराई से बोलना ,
3]व्यंग से बोलना
क्ठोर वचन बोलने वाले को दुख जरूर मिलता है ! - परम पुज्य सुधांशुजी महाराज
Monday, June 8, 2009
Fw: [GURUVANNI] खुशी
- • मुस्कराने से खुशियां आपके आस पास रहतीं हैं और अन्दर खुश होने से अन्दर भी खुशी आयेगी !
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/08/2009 05:11:00 AM
Sunday, June 7, 2009
छह दोस्त Six Friends
- साधू कहते हें ,मेरे छह रिश्तेदार हें !
- सत्य मेरी माता है ,
- ज्ञान मेरा पिता है ,
- धर्म मेरा भाई है ,
- दया मेरा मित्र है ,
- शान्ति पत्नी है ,
- क्षमा पुत्र है ,
- यह छह मेरे रिश्तेदार हैं !
- यह आपका परिवार है और इसी परिवार के साथ आपको अपना जीवन गुजारना है !
- छह रिश्ते अपने मान लो और उनके साथ सदा संबंध रखना !उनसे कभी संबंध नहीं तोड़ना !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- सग्रह कर्ता राज गर्ग
Saturday, June 6, 2009
सदगुरु के अनमोल बोल
- " हमारी जीभ का एक सिरा नीचे जुड़ा हें, ह्रदय की ओर। दूसरा सिरा मस्तिष्क के साथ जुडा हें
ह्रदय की संवेदनाएँ और दिमाग़ से विचार कर, दोनों का सहयोग लेकर फिर बोलना चाहिए अन्यथा यह वाणी विनाश बहुत करती हें ।
इस वाणी में परमात्मा का नाम बसाया जाए।"
परम पूज्य सुधांशु जी महाराज
"One end of our tongue is connected towards the heart and the other with the brain. When we speak, it should be a collaboration between the feelings of the heart and the great intellect or sensible thoughts. Otherwise this speech can cause massive destruction. Thus one should always speak as if they are one with God"
His Holiness Shri Sudhanshuji Maharaj
Humble Devotee
Praveen Verma
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/06/2009 04:47:00 AM
Friday, June 5, 2009
Fw: [GURUVANNI] अम्रित वाणी
- मांगो उसी से जो दे दे खुशी से !
- कहो उसी से जो कहे न किसी से !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- संग्रह कर्ता राज गर्ग
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/04/2009 05:08:00 PM
Thursday, June 4, 2009
Fw: [GURUVANNI] जग
- न हर भूलो न जग भूलो , रहो इस तरह से जिंदगानी में !
- जिस तरह से कमल रहता है , तालाब के बंद पानी में !!
- परम पूज्य सुधान्शुजी महाराज
- संग्रह कर्ता श्रीमती राज गर्ग
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/03/2009 04:34:00 PM
Wednesday, June 3, 2009
Fw: [GURUVANNI] बुरा
- • बुरे के पास न बैठें नहीं तो आपको भी बुरी आदत लग जायेगी !
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/01/2009 06:04:00 PM
Tuesday, June 2, 2009
Fw: [GURUVANNI] मन
- सोते समय मन को खाली करो तो नीद अच्छी आयेगी ,जो भी करो मन से करो !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
- संग्रह कर्ता श्रीमती राज गर्ग
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 6/01/2009 07:06:00 PM
Monday, June 1, 2009
GURUVANNI मन MInd
- मन अर्पित करो भगवान को ,मन्दिर जाओ तो मन सहित जाओ !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज !
- संग्रह कर्ता श्रीमति राज गर्ग !
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 5/31/2009 04:26:00 PM
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Shirish Balekundri
Singapore
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www.satguruhomeopathy.com
[GURUVANNI] मन mInd
- मन अर्पित करो भगवान को ,मन्दिर जाओ तो मन सहित जाओ !
- परम पूज्य सुधांशुजी महाराज !
- संग्रह कर्ता श्रीमति राज गर्ग !
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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 5/31/2009 04:26:00 PM
GURUVANNI निचे न गिरें
- " हम अपनी मनुष्यता से नीचे गिर जाएँ, यह हमारी हार हें । हम अपनी मनुष्यता से देवत्व की ओर बढ जाएँ, यहहमारी जीत हें । उस जीत को प्राप्त कर लेना हमारा कर्तव्य हें ।"
- परम पूज्य सुधांशु जी महाराज
- "Our defeat is when we stoop below the aggregate of human qualities and our triumph is when we move forward towards divinity। To achieve that Triumph or Victory is what ought to be done"
- His Holiness Shree Sudhanshuji महाराज
- Humble Devotee
- Praveen Verma
Shirish Balekundri
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