"एक पत्थर को तराशने से सुन्दर मूर्ति बन सकती है तो कर्मो के सहारे जिन्दगी को तराशने से बहुत सुन्दर स्वरुप बन सकता है। कर्म करने से पहले सोचें कि मेरे से कोई गलत कर्म न हो जाए। क्योंकि प्रकृति का नियम है कि कर्म-फल अवश्य भोगना पड़ता है और प्रकृति के नियम तुम बदल नहीं सकते । तुम्हारा गलत कर्म ही तुम्हारे लिए परेशानी पैदा करता है, इसलिए ऐसा कोई कर्म ना करो जो तुम्हें परेशानियों में डुबा दे और विपत्तियां तुम्हारे ऊपर मडराने लगें । ह्र्दय में परमात्मा का नाम लेते हुए कर्म करोगे तो गलत काम की सम्भावना नहीं रहेंगी ।"
Collection by : Praveen Verma VJM North America
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Posted By Madan Gopal Garga to AMRIT VANI at 12/27/2009 07:10:00 PM
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