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Saturday, October 24, 2009

Fw: [ANANDDHAM.ORG] संघर्ष

 
----- Original Message -----
Sent: Thursday, September 24, 2009 2:19 PM
Subject: [ANANDDHAM.ORG] संघर्ष

  • भगवान कृष्ण ने कहा कि जीवन एक संघर्ष है , चुनोती है ,परीक्षास्थल है ,रणक्षेत्र है ,इसका सामना करना होगा ,परीक्षा देनी ही होगी , संघर्ष तब तक रहेगा जब तक सांस चलेगा , इसलिए , संघर्ष से भागना नहीं स्थिर होकर उसका सामना करना !


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Posted By Madan Gopal Garga to ANANDDHAM.ORG at 9/24/2009 02:10:00 PM

Friday, October 23, 2009

Fw: [ANANDDHAM.ORG] अमृत वाणी

 
----- Original Message -----
From: mggarga312
To: mggarga
Sent: Thursday, October 22, 2009 9:18 PM
Subject: Fw: [ANANDDHAM.ORG] अमृत वाणी

 
----- Original Message -----
Sent: Thursday, October 22, 2009 9:07 PM
Subject: [ANANDDHAM.ORG] अमृत वाणी

  • इन्दरियाँ नौकर हें और उनका स्वामी इन्द्र हे -इन्द्र के मतलब हे आत्मा !
  • असुरों का लक्ष स्वयं से संबधित हे बस हम खुश तो सब खुश !
  • हम किसी को छेड़ेंगे नहीं मगर कोई हमको छेड़ेगा तो उसको छोडेंगे नहीं !
  • आपके अन्दर शान्ति अगाध हो मगर साथ साथ दुष्टता को दमन कराने के हिमत भी हनी चाहिए !




पूज्य सुधान्शुजी महाराज
20-8-09 के टी वी प्रवचन से

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Posted By Madan Gopal Garga to ANANDDHAM.ORG at 10/22/2009 08:56:00 PM

Monday, October 19, 2009

Pawan Deepmala

Pawan Deepmala

दीपावली का ये पावन पर्व प्रति वर्ष हमारे लिये एक अत्यंत कल्याणकारी सन्देश लेकर आता है हम घर का कोना कोना साफ करते है पर अपने मन को जरा भी साफ नहीं करते प्रति वर्ष हम रात्रि को दीप जलाते है पर अपने ज्ञान दीप को नहीं जलाते ये चिंतन का विषय है कि क्या ३६४ दिन प्रतीछा करने के बाद ये पर्व सिर्फ इस लिये आता है कि हम रात्रि होने पर दीपक जलाये वो तो हम रोज जलाते है और पटाखे छुडाये मिठाई खाए बस इससे तो इस पर्व का महान बनाने वाला सन्देश ही प्रकट नहीं होता
दीपावली ये महान सन्देश लेकर आई है कि हम अपने मन को व्यर्थ संकल्पों विकल्पों और अशुद्ध संकल्पों से हटा कर परमात्मा कि याद में लगाये और अपने दीप ( आत्मा ) को परमात्मा कि सक्तियों ( शांति, प्रेम, आनंद, शहनशीलता, पवित्रता, अंतर्मुखता, विनम्रता, हर्शित्मुखता.........) का आह्वान करे और आपने आत्मा रुपी दीप को प्रभु शक्तियों कि दीप्ति से भरपूर कर लीजिये

Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK

Thursday, October 15, 2009

बोध कथाएँ

बोध कथाएँ



प्रथम संस्करण : श्रद्धा पर्व २००९

प्रतियाँ :११००

मूल्य :६0 रुपये

सम्पादन :डा:नरेंद्र मदान

Madan Gopal Garga to ANANDDHAM.ORG at 10/15/2009 02:28:00 PM

बहादुर

बहादुर

  • बहादुर रो़या नहीं करते , भगवान् से अपने तार जोडो !


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/09/2009 09:54:00 AM

Sunday, October 11, 2009

जीना मरना

जीना मरना

  • न जीना आया न मरना वही दुःख !


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/09/2009 09:55:00 AM

Saturday, October 10, 2009

महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम Schedule of VJM Programs

महाराजश्री के आगामी कार्यक्रम

Schedule of VJM Programs

  • ८ से ११ अक्टूबर ,२००९ -- श्री गणेश लक्ष्मी महायग ,आनंदधाम आश्रम
    २२ से २५ अक्टूबर ,२००९ ---ध्यान-साधना ,रामनगर ,नैनीताल (उत्तराखंड )
    १ नवम्बर २००९ ---मासिक सत्संग (आनंदधाम आश्रम ,दिल्ली )
    २ नवम्बर २००९ ---पूर्णिमा सत्संग ( आनंदधाम आश्रम दिल्ली)
    ४ से ८ नवम्बर २००९ ------फरीदाबाद ( हरियाणा)
    १४ से १५ नवम्बर २००९ -- महिपालपुर ,दिल्ली
    २५ से २९ नवम्बर २००९ ---गुड्गावं ( हरियाणा )
    २ दिसम्बर २००९ ---पूर्णिमा , आनन्दधाम आश्रम दिल्ली
    ६ दिसम्बर २००९ --------मासिक सत्संग ,आनन्दधाम आश्रम दिल्ली
    १० से १३ दिसम्बर २००९ ----- सूरत गुजरात
    २३ से २७ दिसम्बर २००९ ------नागपुर महाराष्ट्र्
Posted By Madan Gopal Garga to ANANDDHAM.ORG at 10/10/2009 08:19:00 PM

Friday, October 9, 2009

धन

धन

  • धन मिल भी जाए तो भी दुःखी न मिले तो भी दुःखी !


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/09/2009 09:57:00 AM

Monday, October 5, 2009

मन की शान्ति ( भाग ९)

मन की शान्ति ( भाग ९)

  • हमेशा अपने आपको कोसते मत रहो !
  • अपना काम ख़ुद कराने की आदत डालो !
  • किसी से अपनी तुलना मत करो !
  • सुनाने की आदत डालो सुननाने की नहीं !
  • अपने से नीचे देख कर चलो ऊपर नहीं !

Shirish Balekundri

www.VJMS.net www.Ambonieum.com www.SatguruHomeopathy.com

Saturday, October 3, 2009

मन की शान्ति (भाग ६) Peace of Mind Part 6

मन की शान्ति (भाग ६) Peace of Mind Part 6

  • घर में शान्ति बनाने के लिए अगर कुछ सहना भी पड़े तो सह लो !
  • वयायाम और प्राणायाम रोज़ नियम से करो !
  • माथा हमेशा ठंडा रखो !
  • विश्वास को कम मत होने दो
  • शंका-शक -संशय कराने की आदत छोडो
Guruvar Sudhanshuji Maharaj ke Pravachanans

Powder Blue Productions LLC



Thursday, October 1, 2009

गीता The Githa - Divine Knowledge of Life


गीता The Githa - Divine Knowledge of Life

जिसने गीता की अमृतमयी -ज्ञान की बूंदों को चख लिया उसके लिए स्वंय का कष्ट तो कष्ट रहता ही नहीं ! वह दुनिया के कष्टों का निवार्ण करने के लिये निकल पङता हें !

Param Pujya Sudhanshuji Maharaj

Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 9/24/2009 02:02:00 PM