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Friday, September 5, 2008

सदगुरू

  • माया कि अग्नि तो सब को लगी हुई है और सब जीव उसमें दिन रात झुलस रहे हैं,और इस माया की अग्नि में से बचाकर निकालने वाला ही सदगुरू है

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