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Friday, June 28, 2013

Fwd: [SHIV DHAM ASHRAM (CHANDIGARH)] Satguru ke charno main shat-shat naman




Yogesh Matta 1:

Satguru ke charno main shat-shat naman

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Fwd: [SHIV DHAM ASHRAM (CHANDIGARH)] http://www.youtube.com/watch?v=PxDCYcMGQkI&feature...

Fwd: [SHIV DHAM ASHRAM (CHANDIGARH)] Param Pujye Shri Sudhanshuji Maharaj




Shubham Verma
Param Pujye Shri Sudhanshuji Maharaj



Monday, June 24, 2013

जीवन की सम्पूर्णता

हरिओम 
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No.1623 आज का गुरु संदेश 24-6-2013-जीवन की सम्पूर्णता



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जीवन की सम्पूर्णता है आनन्द और आनन्द परमात्मा का ही एक रूप या एक नाम है जिसे सच्चिदानन्द कहा जाता है। हमारा जन्म परमात्मा से मिलने के लिए ही हुआ है और इसी उद्देश्य को लेकर हम दुनियाँ में आए हैं । वस्तुतः जीवन एक अवसर है परमात्मा से मिलने के लिए।  

 

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज 

Sunday, June 23, 2013

Fwd: [AMRIT VANI ] No.1621 आज का गुरु संदेश 23-6-2013 चमड़ी मोटी






हरिओम 
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No.1622 आज का गुरु संदेश 23-6-2013 चमड़ी मोटी



जब दुर्भाग्य हों तो चमड़ी मोटी रखो ! सुनो सब की , मगर जबान पर नियंत्रण रखो और मजाक उड़ाने वालो को ज्यादा तव्जो  मत दो ! सोचो यह समय भी गुजर जाएगा अच्छे दिन आ कर चले गए तो बुरे दिन भी चले जायेगे ! 




Saturday, June 22, 2013

Fwd: [AMRIT VANI ] No.1620 आज का गुरु संदेश 22-6-2013 भगवान का नियम



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/22
Subject: [AMRIT VANI ] No.1620 आज का गुरु संदेश 22-6-2013 भगवान का नियम
To: mggarga@gmail.com


हरिओम 
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No.1620 आज का गुरु संदेश 22-6-2013 भगवान का नियम





भगवान का नियम भगवान से भी ऊपर हे ,भगवान् अपने नियम कभी नहीं तोड़ते ! भगवान से उनका नियम बदलने के लिए कभी प्रारथना मत करो ,उनके नियमो का पालन करो ! 


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 6/22/2013 04:18:00 PM

Friday, June 21, 2013

Fwd: [AMRIT VANI ] no.1619 आज का जीवन सूत्र 21-6-13



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/21
Subject: [AMRIT VANI ] no.1619 आज का जीवन सूत्र 21-6-13
To: mggarga@gmail.com


हरिओम 
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no.1619 आज का जीवन सूत्र 21-6-13
ज्ञान की प्यास क़ा नाम जिज्ञासा है !
भगवान की प्यास क़ा नाम भक्ति है 




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 6/21/2013 10:01:00 AM

Thursday, June 20, 2013

Fwd: [ADHYATMIK] बेटी के सुखी जीवन के लिए



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/19
Subject: [ADHYATMIK] बेटी के सुखी जीवन के लिए
To: mggarga@gmail.com


बेटी के सुखी जीवन के लिए
* ससुराल पक्ष के लोग और उसके पति को उनकी आदतें,
स्वभाव , रुचियाँ समझने और उनके साथ तालमैल मिलाने

 का अवसर है !
* हर बात में बेटी का पक्ष न लें ! उसे त्याग ,समर्पण ,सहयोग ,
एवं प्रत्येक के साथ मधुर व्यवहार की शिक्षा दें !
* ससुराल वाले बहू को बेटी मानें यह बहुत अच्छा हे लेकिन
बहू ससुराल में स्वंय को बेटी मानने की भूल कभी न करे !
*क्योकि बेटी अपने माता पिता के घर में माता-पिता और भाइ -बहन इत्यादि सेअपेक्षा और अपने कार्य के प्रति उपेक्षा रखे तो चलता है लकिन ससुराल मेंयही अपेक्षा और उपेक्षा भारी कष्ट का कारण बनती है !
* अगर किसी से कोई कठोर बात कहने की आवश्यकता पडे यो उसे मधुर शब्दों में ही कहना चाहिए !
* पति के घर में सबकुछ पिता के घर जैसा कभी नही होता !
इसलिए बेटी को ससुराल में ससुराल की परिस्थितियां ,वहां क्र अभाव -
प्रभाव ,लोकरीति,व्यवहार ,रीति तथा कुल परम्पराओं के अनुसार जीवन जीने की प्रेरणा दें !
*अगर कोई अच्छी बात अच्छी आदत को बेटी वहां के लोगों में
डालना चाहती हे तो बडी सावधानी ,धैर्य एवं धीरे धीरे और उसका स्वयं आचरण
करके प्रारंभ करे अन्यथा वहां के लोगो का अहंइसे सहन नहीं कर पायेगा!
*पति को उसके माता पिता ,भाई बहन के प्रति दायित्वों से विमुख करने का प्रयास कभी न करें इससे मनों में कटुता आती है !
*स्त्री पर तीन कुलों के निर्माण का दायित्व होता है उसे इस गरिमा को कभी नहीं भूलना चाहिए !
*इस महान कार्य की पूर्ति वह प्रेम ,सहनशीलता सदव्यवहार ,सदाचरण एवं त्यागपूर्ण जीवन से ही कर सकती हैं !
धर्मदूत जुलाइ 2010 से !


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to ADHYATMIK at 6/19/2013 07:59:00 PM

Fwd: [R A J G A R G] तुम्हारी महिमा को कोई नहीं



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/19
Subject: [R A J G A R G] तुम्हारी महिमा को कोई नहीं
To: mggarga@gmail.com



तुम्हारी महिमा को कोई नहीं समझ सकता ,अपनी महानता को स्वयं समझो ! आसमान में पगडडियां नहीं होती ! अपना रास्ता स्वय ढूंढना पडता हे ! जूझने के लिए स्वयं प्रयास करना पडेगा !बहते हुए आंसुओ को अपने हाथों से पोंछना ! अच्छे के लिए खुद ही अपनी पीठ थपथपाना !दूसरे से प्रेरणा ले सकते हें !मगर इस ताक में मत रहो कि कोई दूसरा आकर आपका सुधार कर देगा ! अपने दोश देखें , मगर हीन भावना न आने दें! आप परमात्मा के पुत्र हें तो परमात्मा के महान गुंण आपमें हें ,अपनी दिव्यता को याद रखो ! 

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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to R A J G A R G at 6/19/2013 08:14:00 PM

Wednesday, June 19, 2013

Fwd: [AMRIT VANI ] No.1617 आज का गुरु संदेश 19-6-2013



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/19
Subject: [AMRIT VANI ] No.1617 आज का गुरु संदेश 19-6-2013
To: mggarga@gmail.com


सत्संग की महिम अपरम्पार


हरिओम 
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No.1617 आज का गुरु संदेश 19-6-2013


सत्संग की महिम अपरम्पार है। कैसी भी विषम परिस्थितियों मे उनके संपूर्ण समाधानों के प्रशस्त पथ का एक नाम है सत्संग है। परम तत्त्व के चिंतन का नाम ही सत्संग है। सत्संग से नव-जीवन मिलता है, विचारो का शुद्धिकरण सत्संग से ही होता है। सज्जन,श्रेष्ट सतगुरु, महात्मा, ऋषि-मुनियों एवं सद्ग्रत्न्तथो के संग को भी सत्संग कहा जाता है।

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 6/19/2013 04:18:00 PM

Saturday, June 15, 2013

Fwd: [AMRIT VANI ] जब भगवान की कृपा



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/13
Subject: [AMRIT VANI ] जब भगवान की कृपा
To: mggarga@gmail.com


हरिओम 
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आज का जीवन सूत्र 1 3 -6 -1 3 
जब भगवान की कृपा होती है तो वह बिना मांगे ही जितनी आपको जरूरत होती है उतना दे देते है आपका काम नहीं रुकता !


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 6/13/2013 11:03:00 AM

Wednesday, June 12, 2013

Fwd: [jigyasa aur samadhan] मुझे क्रोध बहुत आता हे



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/12
Subject: [jigyasa aur samadhan] मुझे क्रोध बहुत आता हे
To: mggarga@gmail.com


मुझे क्रोध बहुत आता हे


प्रश्न :-मुझे क्रोध बहुत आता हे !क्रोध की स्थिति में कुछ भी कर डालता हूँ जो कई बार बहुत हानिकारक भी होता है ! में क्या करूँ कैसे अपने क्रोध को रोकूँ? 
गुरूदेव :-आप पहले तो एकांत में बैठकर यह विचार करें कि आपको क्रोध आता ही क्यों है !सामान्यत: व्यक्ति जो सोचता है वह नहीं हो पाए ,स्वार्थ सिद्धि  में बाधा आए , अथवा परिस्थितियाँ प्रतिकूल हो जाए तो क्रोध आता है ! हानि  से बचने के लिए आवश्यक यह है कि जब भी क्रोध आए , लम्बी गहरी श्वास लें और क्रोध के विषय से स्वंय को दूर ले जाए और प्रतिकार को २४ घंटे के लिए टाल दें !मन में अपने गुरु का ध्यान और मन्त्र जाप शुरू कर दें !बाद में एकांत में विचार करें इस स्थिति के लिए में कहाँ तक दोषी हूँ !


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to jigyasa aur samadhan at 6/12/2013 05:02:00 PM

Fwd: [AMRIT VANI ] आज का जीवन सूत्र 12-6-2013



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/12
Subject: [AMRIT VANI ] आज का जीवन सूत्र 12-6-2013
To: mggarga@gmail.com




हरिओम 
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आज का जीवन सूत्र 12-6-2013

  • शान्ति के समान कोई तप नहीं हे !

  • • संतोष से बढ्कर कोई सुख नहीं हे !

  • • तृष्णा से बढकर कोई व्याधि नहीं हे !

  • • दया के समान कोई धर्म नहीं हे !

  • • सत्य जीवन हे और असत्य मृत्यु हे !

  • • घृणा करनी हे तो अपने दोषों से करो !

  • • लोभ करना हे तो प्रभू के स्मरण का करो !

  • • बैर करना हे तो अपने दुराचारों से करो !

  • • दूर रहना हे तो बुरे संग से रहो !

  • • मोह करना हो तो परमात्मा से करो !

  • • पुज्य सुधान्शुजी महाराज


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 6/12/2013 04:49:00 PM

Sunday, June 9, 2013

Fwd: [AMRIT VANI ] दूसरों के दोष



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From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: 2013/6/8
Subject: [AMRIT VANI ] दूसरों के दोष
To: mggarga@gmail.com


दूसरों के दोष ढूंढने में अपनी शक्ति का अपव्यय मत करो। अपने 
आप को ऊँचा उठाने का हर सम्भवप्रयास जारी रखो, उसे कम न 
होने दो।हर किसी में अच्छाई को ढूंढो, उससे कुछ सीखकर अपना
 ज्ञान और अनुभव बढाओ। इससे तुम  ऊँचाई तक पहुँच
 सकते हो।

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज


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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to AMRIT VANI at 6/08/2013 12:42:00 PM

Friday, June 7, 2013

आज का प्रवचनांश ७ -६ -२ ० १३

हरिओम 
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आज का प्रवचनांश ७ -६ -२ ० १ ३  

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

आप किसी का साथ यह सोच कर मत छोडो की उसके पास तुम्हें देने को कुछ नहीं है ! यह सोच कर उसका साथ निभाओ की उसके पास तुम्हारे सिवा और कुछ नहीं है !

Thursday, June 6, 2013

आज का गुरु संदेश6-6-2013

हरिओम 
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आज का गुरु संदेश6-6-2013


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज


ध्यान द्वारा आप अपने अन्दर की छुपी हुई शक्तियों को प्रकट करते हैं !

गुरुवर


फूल बन कर


इंसान भी

Neelam Sharma

शुभ रात्रि ...............

Wednesday, June 5, 2013

Fwd: guruji



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From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: Wed, Jun 5, 2013 at 1:12 PM
Subject: guruji
To:




Tuesday, June 4, 2013

आज का जीवन सूत्र 4-6-13

हरिओम 
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आज का जीवन सूत्र 4-6-13


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

1] 
आप शरीर नहीं हो आत्मा हो शरीर मिटता है आत्मा नहीं !

2] जब भगवान् की कृपा होती  है तो वह उसे गुरु देते हैं और गुरु जीने की विधि सिखाता है और भगवान् से मिलने  की  विधि बताता है !

Monday, June 3, 2013

आज का जीवन सूत्र 3-6-2013

हरिओम 
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आज का जीवन सूत्र 3-6-2013



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज


रिश्तों की भीड़ होने के बावजूद हमें यात्रा अकेले ही करनी है और अपना कल्याण खुद ही करना है !

Sunday, June 2, 2013

जीवन जब सार्थक


हरिओम 
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आज का जीवन सूत्र 



परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जीवन जब सार्थक होता है जब हमको अपने जीने का मकसद पता लग जाए !