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Sunday, November 29, 2009

Fw: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL] प्रेम का रंग

 
----- Original Message -----
Sent: Thursday, November 26, 2009 9:24 PM
Subject: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL] प्रेम का रंग

  • जीवन का सबसे सुंदर रग प्रेम हे ये ऐसा रंग हे जिसमें हर कोई रंगना चाहता हे जीना चाहता हे ! जिस घर में प्रेम नहीं हे ,श्रधा नहीं हे ,विशवास नहीं हे तो फिर वह घर खुशियां नहीं देता ! विश्वास ,प्रेम के धागे को बांधे हुए हे ! यदि विश्वास टूट गया तो प्रेम के धागे भी टूट जाते हें !

    देने वाले मालिक ने आपको बहुत कुछ दिया लेकिन सब कुछ नहीं दिया ,कुछ न कुच कमी रखी ! अगर कमि पर ध्यान देते रहोगे तो रोते रहोगे और अगर जो दिया हे उस पर ध्यान करोगे तो खुशी आयगी !
    गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश


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Madan Gopal Garga द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL के लिए 11/14/2009 01:09:00 PM को पोस्ट किया गया

Wednesday, November 25, 2009

Fw: [GURUVANNI] गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, November 21, 2009 7:57 PM
Subject: [GURUVANNI] गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प



"हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है । विचार वह है जो भाव बन करके आपके अन्दर से उठते है, लेकिन उन भावों में जो भाव सकारात्मक है, वे आपको शक्ति देते है और जो नकारात्मक विचार है वे आपकी शक्ति को खींचते है और खराब करते है। इसलिये अपने मन मै सदैव सकारात्मक विचार लायें।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

"The power of thought has great value in our lives. Thoughts are simply what we feel inside. Positive thoughts give you a new energy and a fresh perspective. On the contrary, negative thoughts set us back and waste our energy. Therfore always have positive thoughts."

His Holiness Sudhanshuji Maharaj


Humble Devotee

Praveen Verma








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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 11/14/2009 08:03:00 PM

Tuesday, November 24, 2009

Fw: [GURUVANNI] उलझन

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, November 21, 2009 8:00 PM
Subject: [GURUVANNI] उलझन

उलझन



  • जिस समय तुम संसार में उलझ जाओ या परेशान हो जाओ ,अपने हृदय मन्दिर की संवेदना जगाते हुए हृद्य में बैठे भगवान का ध्यान करते हुए उसी से प्रार्थना करो कि हे भगवान ,मुझे रास्ता दिखाओ !आवेश में उलझ न जाऊँ !आवेश में अपने आपको गिराना नही हे ! होश में सोच समझकर शांत रहते हुए जीवन की समस्याओंको सुलझाना हे !आवेश में आयेंगे तो क्रोध का राक्षस शक्तिशाली हो जायेगा और बुधि विवेक नष्ट कर देगा !

    पूज्य सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 11/21/2009 05:49:00 AM

Monday, November 23, 2009

Fw: [GURUVANNI] अमृत वचन

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, November 21, 2009 8:01 PM
Subject: [GURUVANNI] अमृत वचन

अमृत वचन


"बहिर्मुख वृति आपकी बनी हुई है। ससार की तरफ घूमती हुई वृति, वो आपको परमात्मा की तरफ या कहना चाहिए अपने आपको जानने की तरफ नही जाने देती । और उसका परिणाम यह होता है कि हम एक भीड़ में ,जैसे भेड़ों का झुंड चलता है, उस तरह से, भीड़ की तरह से जीने लग जाते है। तो आप अपने अन्दर कोई विशेषता नहीं ला पाते।

आप अपने अन्दर एक पवित्र इन्सान बन सके, आप अपनी शान्ति के साथ जी सके, अपने प्रेम के साथ जी सके, अपने अन्दर एक सतोगुण को आप जन्म दे सके तो वो बहुत बडी चीज है।"



परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

"Our instincts are outward focused. Our mindset is so much towards the world that it does not allow us to focus on God or even properly know ourselves.
The result of this outward focus is that we live like sheep and follow others instead of being able to bring peace within us.
It is indeed a great accomplishment if you can lead a sin free life in peace with love, purity and goodness."


(Translated by Humble Devotee
Praveen Verma)










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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 11/21/2009 02:10:00 PM

Sunday, November 22, 2009

Fw: [ADHYATMIK] गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, November 21, 2009 8:16 PM
Subject: [ADHYATMIK] गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प



"हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है । विचार वह है जो भाव बन करके आपके अन्दर से उठते है, लेकिन उन भावों में जो भाव सकारात्मक है, वे आपको नई शक्ति देते है और जो नकारात्मक विचार है वे आपकी शक्ति को खींचते है और खराब करते है। इसलिये अपने मन मै सदैव सकारात्मक विचार लायें।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

"The power of thought has great value in our lives. Thoughts are simply what we feel inside. Positive thoughts give you a new energy and a fresh perspective. On the contrary, negative thoughts set us back and waste our energy. Therfore always have positive thoughts."

His Holiness Sudhanshuji Maharaj


Humble Devotee

Praveen Verma




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Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK के लिए 11/14/2009 07:50:00 PM को पोस्ट किया गया

Fw: [ADHYATMIK] गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, November 21, 2009 8:16 PM
Subject: [ADHYATMIK] गुरु ज्ञान वाटिका के पुष्प



"हमारे जीवन में विचारों की शक्ति का बडा मूल्य है । विचार वह है जो भाव बन करके आपके अन्दर से उठते है, लेकिन उन भावों में जो भाव सकारात्मक है, वे आपको नई शक्ति देते है और जो नकारात्मक विचार है वे आपकी शक्ति को खींचते है और खराब करते है। इसलिये अपने मन मै सदैव सकारात्मक विचार लायें।"

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

"The power of thought has great value in our lives. Thoughts are simply what we feel inside. Positive thoughts give you a new energy and a fresh perspective. On the contrary, negative thoughts set us back and waste our energy. Therfore always have positive thoughts."

His Holiness Sudhanshuji Maharaj


Humble Devotee

Praveen Verma




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Madan Gopal Garga द्वारा ADHYATMIK के लिए 11/14/2009 07:50:00 PM को पोस्ट किया गया

Thursday, November 12, 2009

Fw: [GURUVANNI] जीवन

 
----- Original Message -----
Sent: Thursday, November 12, 2009 5:07 AM
Subject: [GURUVANNI] जीवन

  • जीवन स्वर्ण से नहीं खरीदा जा सकता ! रत्नों के ढेर उस क्षण को वापस नहीं ला सकते जो बीत गया ! इसलिये हर क्षण को अच्छे कार्य में बिता ! मछली कांटा लगे चोर को नहीं निगलती ,शेर बिछाये गये जाल में न फंसता यदि वह जानता होता ! अच्छी तरह याद रखो शरीर के नश्ट होने के बाद् भी तुम्हे जीवित रहना हे !
    गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 11/12/2009 05:05:00 AM

Wednesday, November 11, 2009

Fw: [AMRIT VANI] जीवन

 
----- Original Message -----
Sent: Wednesday, November 11, 2009 5:10 AM
Subject: [AMRIT VANI] जीवन



  • अपने जीवन मैं व्यस्तता अपनाओ अस्तव्यस्तता नही
    गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश

  • रश्मी बंसल


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Posted By Madan Gopal Garga to AMRIT VANI at 11/11/2009 05:00:00 AM

Tuesday, November 10, 2009

Fw: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL] चिंतन

 
----- Original Message -----
Sent: Monday, November 09, 2009 9:13 PM
Subject: [GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL] चिंतन



  • चिंता से चिंतन की और यात्रा करो, मन शांत होगा.

    गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश
    रश्मी बंसल


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Madan Gopal Garga द्वारा GURU VATIKA SE CHUNE PHOOL के लिए 11/09/2009 09:05:00 PM को पोस्ट किया गया

Monday, November 9, 2009

द्वंद

द्वंद

  • "पूरा संसार द्वन्द्वमय है। हार-जीत, मान-अपमान, सुख-दुख, गर्मी-सर्दी, उन्नति-अवन्न्ति, ये सब द्वंद है। इसी से ससार बना हुआ है। दोनो तरह के रूपों के बीच जीवन बहता
    रहता है। इन दोनों के बीच जब सन्तुलन बनने लगता है तो अन्दर शांति आती है।"
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश

Sunday, November 8, 2009

मुठी बंद रखो

मुठी बंद रखो
  • किसी भविष्य वक्ता के सामने हात मत फैलाओ और घर की बात मुठी में रख कर रखना किसी को बताना नहीं !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश

Saturday, November 7, 2009

Fw: [GURUVANNI] क्षमा

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, November 07, 2009 5:20 AM
Subject: [GURUVANNI] क्षमा

  • दूसरों के दोषों को क्षमा करने के लिए हमेशा तत्पर रहो ,पर अपने दोषों को गलतियों को कभी क्षमा नहीं करना चाहिये ,तभी आपका आत्मिक विकास होता हे !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 11/07/2009 05:14:00 AM

Friday, November 6, 2009

Fw: [GURUVANNI] अमृतवाणी

 
----- Original Message -----
Sent: Tuesday, October 27, 2009 9:47 AM
Subject: [GURUVANNI] अमृतवाणी

  • गुरु को संभाल लो तो गोविन्द भी पकड़ में आ जायेगा !
  • गुरु को सब से जयादा महत्त्व दो सब से पहले माँ ज्ञान देती है मगर गुरु संसार में जीने की कला देता है !
  • हर काम व्यवस्थित करो नियम se करो !
  • सदगुरु को समझना बड़ा मुशकिल है मगर जब उसके ज्ञान को समझेंगे तभी आप सच्ची तरह से गुरु को समझ पायंगे !
  • भगवान जिंदगी देता है मगर जीने की तरीका नहीं देता वह तो गुरु सिखाता है !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/27/2009 09:34:00 AM

Thursday, November 5, 2009

Fw: amritvani

 
----- Original Message -----
From: mggarga
To: mggarga
Sent: Thursday, November 05, 2009 9:16 PM
Subject: amritvani

 

"मनुष्य के जीवन में सबसे पहले यह आवश्यक है कि हर समय प्रभु के अस्तित्व का एहसास हमारे मन में बना रहे। मन में ये प्रश्न हमेशा उठते रहें। इन बहती हुई

नदियों को बहाने वाला कौन है ? रंग-बिरंगी तितलियों के पंखों को कौन रंगता है? कौन है जो इस चन्द्रमा में मुस्कुराता है? किसका प्रकाश सूर्य के द्वारा संसार में फैलता है?

असंख्य जीवों को जन्म कौन देता है? कौन सबको भोजन देता है? फूलों में रंग कौन भरता है? पर्वत किसने बनाए? आकाश को सितारों से कौन सजाता है? 

ऐसे अनेक प्रश्नों को मन में पैदा होने दीजिए । इससे आपके मन में ईश्वर के प्रति भावना जागेगी। आपका उनके प्रति विश्वास बढेगा।

परम पूज्य सुधाँशुजी महाराज

Humble Devotee
Praveen Verma

Wednesday, November 4, 2009

Fw: [GURUVANNI] बुद्धि और मन

 
----- Original Message -----
From: mggarga
To: mggarga
Sent: Wednesday, November 04, 2009 5:35 AM
Subject: Fw: [GURUVANNI] बुद्धि और मन

 
----- Original Message -----
Sent: Friday, October 30, 2009 12:08 PM
Subject: [GURUVANNI] बुद्धि और मन

  • भगवान गीता में कहते हें की जो मुझ में रमा हे और जो अपने मन और बुद्धि को कहीं और न लगा कर मुझ में लगाता हे में उसके लिए आसानी से सुलभ होजाता हूँ !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/30/2009 11:58:00 AM

Tuesday, November 3, 2009

Fw: [GURUVANNI] उपयोगी बातें

 
----- Original Message -----
Sent: Friday, October 30, 2009 12:28 PM
Subject: [GURUVANNI] उपयोगी बातें

  • बहस करते करते वहाँ मत पहुँचो जहाँ तकरार होने लग जाए !
  • कहीं से भी सुधार कर लो चाहे शाम हो वहीं से सुभह समझो !
  • ज्ञान अर्जन करने के लिए गुरु की शरण में जाओ !
  • प्रणाम करके झुक कर श्रधा से जिज्ञासा करो ताकि वे कुछ बता सकें !
  • साधक ban जाओ जो आपने सीखा उसको नियम वाले बन kar साधना करो !
  • अगर आपने संतोष की साधना की उस पर दिनभर हर काम men संतोशी रहो !
  • जो भी भगवान ने दिया हे vah तो भगवान का प्रसाद हे ,प्रसाद को थोडा जयादा नहीं देखा जाता वह तो भगवान् की क्रपा हे !
  • भगवान् से कहो जो तुझे पसंद हे वही मुझे भी पसंद हो जाए !
  • मन को अभ्यास से और ध्ययान से मन को काबू में कर सकए हो !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/30/2009 12:12:00 PM

Monday, November 2, 2009

Fw: Guruseva

 
----- Original Message -----
From: mggarga
To: mggarga
Sent: Monday, November 02, 2009 5:17 AM
Subject: Guruseva

Dear Brothers & sisters Hariom
By the ashirwad of Guruji I am sending you pravachanansh I request you to come forward & associate with me in doing this seva of Guruji so that this seva continues in case I am unable to do this .I hope you will come forward for this seva
mggarga
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ज्ञान अर्जन करने के लिए गुरु की शरण में जाओ !
Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/30/2009 12:12:00 PM

Sunday, November 1, 2009

Fw: [GURUVANNI] उलझाना

 
----- Original Message -----
Sent: Saturday, October 31, 2009 9:20 PM
Subject: [GURUVANNI] उलझाना

  • हमारे कर्म हे उलझन हें !हम ठीक से सोच नहीं पाते तो उलझाते हें ! ठीक से चल नहीं पाते तो उलझाते हें !व्यवहार में दोष आता हे तो उलझाते हें !अगर दुनिया में उलझ जाना , तो एक काम करना -अच्छे ग्रन्थ पढ़ना , सत्संग करना ,एकांत में बैठ कर आत्मचिंतन करना ,इससे आपको बड़ी शान्ति मिलेगी !
  • गुरुवर सुधान्शुजी महाराज के प्रवचनांश


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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 10/31/2009 09:14:00 PM